छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जुटी एसआईटी ने मेहूंवाला के सनराइज इंस्टीट्यूट, राजावाला के हिमालयन इंस्टीट्यूट और विकासनगर के एसबी कालेज के प्रबंधतंत्र के खिलाफ सरकारी धन के गबन करने का मुकदमा दर्ज कराया है। इससे पहले एसआईटी प्रेमनगर के एक शिक्षण संस्थान के मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में एसआईटी ने देहरादून के शिक्षण संस्थाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तीन संस्थानों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराए गए हैं।
पहला मुकदमा पटेलनगर कोतवाली में मेहूंवाला स्थित सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस ऋ षि विहार के संचालक के खिलाफ एसआईटी में उप निरीक्षक सुखपाल सिंह ने दर्ज कराया है। बताया गया कि 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक जिला समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से 2,15,72,800 रुपये जारी किए गए।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में एसआईटी ने देहरादून के शिक्षण संस्थाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तीन संस्थानों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराए गए हैं।
पहला मुकदमा पटेलनगर कोतवाली में मेहूंवाला स्थित सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस ऋ षि विहार के संचालक के खिलाफ एसआईटी में उप निरीक्षक सुखपाल सिंह ने दर्ज कराया है। बताया गया कि 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक जिला समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से 2,15,72,800 रुपये जारी किए गए।
फर्जी छात्राें का प्रवेश दर्शाकर सरकारी धन को ठिकाने लगाया गया
जांच में पता चला कि हर छात्रों के फर्जी छात्राें का प्रवेश दर्शाकर सरकारी धन को ठिकाने लगाया गया है। छात्रवृत्ति घोटाले का दूसरा मुकदमा उप निरीक्षक मनोज नेगी ने एसबी कालेज आफ एजूकेशन बाईपास रोड विकासनगर के मालिक और संचालकों के खिलाफ दर्ज कराया है।
2011-12 से लेकर 2016-17 तक कालेज को 2,68,61,000 की छात्रवृत्ति वितरित की गई। छात्रवृत्ति वितरण में व्यापक अनियमितताएं पकड़ी गईं। शासनादेशों के अनुसार छात्रवृत्ति की धनराशि वर्ष 2014 तक छात्रों के बैंक खातों में दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन छात्रवृत्ति सीधे संस्थान के बैंक खाते में स्थानांतरित हुई। घोटाले का तीसरा मुकदमा हिमालयन इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च राजावाला प्रेमनगर के खिलाफ दर्ज हुआ है।
छात्रवृत्ति वितरण को तीन और कालेजों में घोटाला पकड़ा गया है। इन संस्थानाें के संचालकाें खिलाफ पटेलनगर, सहसपुर और विकासनगर थाने में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तथ्यों के आधार पर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अन्य संस्थानों के खिलाफ भी अभी जांच विचाराधीन है।
- मंजूनाथ टीसी, प्रभारी एसआईटी
2011-12 से लेकर 2016-17 तक कालेज को 2,68,61,000 की छात्रवृत्ति वितरित की गई। छात्रवृत्ति वितरण में व्यापक अनियमितताएं पकड़ी गईं। शासनादेशों के अनुसार छात्रवृत्ति की धनराशि वर्ष 2014 तक छात्रों के बैंक खातों में दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन छात्रवृत्ति सीधे संस्थान के बैंक खाते में स्थानांतरित हुई। घोटाले का तीसरा मुकदमा हिमालयन इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च राजावाला प्रेमनगर के खिलाफ दर्ज हुआ है।
छात्रवृत्ति वितरण को तीन और कालेजों में घोटाला पकड़ा गया है। इन संस्थानाें के संचालकाें खिलाफ पटेलनगर, सहसपुर और विकासनगर थाने में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तथ्यों के आधार पर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अन्य संस्थानों के खिलाफ भी अभी जांच विचाराधीन है।
- मंजूनाथ टीसी, प्रभारी एसआईटी